पहले उसने आंख मिलाई
आंख मिला कर आश जगाई।।
फिर धीरे से आग लगाई
और शुरू हुई अगुवाई।।
पहले उसकी हुई विदाई
फिर उससे मिलन की रुत आयी।।
जब रात जवानी पर आई
अरमानों ने ली अंगड़ाई।।
जब संसो से सांसे टकराई
और घमासान ये हुई लड़ाई।।
फिर धीरे धीरे सांसे थम आई
उसकी भी आंखें भर आईं।।
क्या किस्मत ने है रंग दिखाई
ऐसी रात मिलन की आईं।।
आंख मिला कर आश जगाई।।
फिर धीरे से आग लगाई
और शुरू हुई अगुवाई।।
पहले उसकी हुई विदाई
फिर उससे मिलन की रुत आयी।।
जब रात जवानी पर आई
अरमानों ने ली अंगड़ाई।।
जब संसो से सांसे टकराई
और घमासान ये हुई लड़ाई।।
फिर धीरे धीरे सांसे थम आई
उसकी भी आंखें भर आईं।।
क्या किस्मत ने है रंग दिखाई
ऐसी रात मिलन की आईं।।